इस भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में लोगों के पास दूसरों के लिए समय ना के
बराबर है. आज की इस व्यस्तम दुनिया में शायद ही कोई ऐसा हो जो निस्वार्थ
भावना से आपकी मदद के लिए आगे आए. लेकिन सब ऐसे नहीं होते है. कुछ लोग
होते हैं जो समाज के लिए जीते, और उन्हीं के होकर रह जाते हैं. बगीचा सिंह
ऐसे ही लोगों में से एक हैं जो अपनी जिंदगी मानव कल्याण में लगा रहे हैं और
समाज में तमाम तरह की बुराईयों को अनोखे तरीक़े से सुलझा रहे हैं, आइए
बगीचा सिंह के योगदान के बारे में जानते हैं.
वह इस उम्र में भी करीब 50 से 60 किमी पैदल चलते हैं. 80 किलोग्राम वजन साथ लेकर चलते हैं. वह अपनी पदयात्रा के दौरान शिक्षण संस्थानों आदि में जाकर सामाजिक समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं. वह लोगों को कन्याभ्रूण हत्या व बालश्रम आदि का खुल कर विरोध करनेके लिए जागरूक करते हैं.
बचपन से ही देश सेवा में लग गए
जिस उम्र में लोग हाथ में बैट-बॉल लेकर घुमते हैं, उस उम्र में बगीचा सिंह ने समाज को बदलने की ठानी. उनका सपना देश को आगे बढ़ाना है. इसके लिए वह देश के युवाओं को जागरूक कर रहे हैं.81 साल के युवा हैं बगीचा सिंह
वर्तमान में बगीचा सिंह की उम्र 81 साल है, लेकिन इनका जोश और जुनून किसी युवा से कम नही हैं. जिस उम्र में लोगों के शरीर को आराम की और मन को शांति की जरूरत होती है, उस उम्र में वह देश की सेवा में तल्लीन हैं.22 सालों से पैदल
देश सेवा के लिए बगीचा सिंह पिछले 22 सालों से यात्रा कर रहे हैं. अपनी यात्रा के दौरान वे क़रीब 5,60,000 किमी मीटर की यात्रा कर चुके है. ऐसे में लगभग 22 सालों से पैदल यात्रा कर रहे बगीचा सिंह अपने साथ जरूरी सामान और खाद्य सामग्री लेकर चलते हैं.कश्मीर से कन्याकुमारी तक यात्रा कर चुके हैं
बगीचा सिंह ने अपनी पदयात्रा लडाया से शुरू की थी और आज वो कश्मीर, कन्याकुमारी, मणिपुर, जैसलमेर समेत कई राज्यों में अपना सन्देश पंहुचा चुके हैं.लोग हो रहे हैं जागरूक
20 फरवरी 1993 से पैदल यात्रा कर रहे बगीचा सिंह देश के युवाओं को धूम्रपान, भ्रष्टाचार और नशाखोरी से दूर करना चाहते हैं. उनका कहना है कि जब देश के युवा ही नशे के आदि हो जायेंगे तो देश का विकास क्या और कैसे होगा.'बगीचा सिंह हमारे लिए सुपरस्टार हैं'
बगीचा सिंह जिस रास्ते से होकर गुजरते हैं, वहां लोगों का जमावड़ा लग जाता है. लोगों का कहना है कि बगीचा सिंह से मिल कर अच्छा लगता है. वे हमारे सुपरस्टार हैं.वह इस उम्र में भी करीब 50 से 60 किमी पैदल चलते हैं. 80 किलोग्राम वजन साथ लेकर चलते हैं. वह अपनी पदयात्रा के दौरान शिक्षण संस्थानों आदि में जाकर सामाजिक समस्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं. वह लोगों को कन्याभ्रूण हत्या व बालश्रम आदि का खुल कर विरोध करनेके लिए जागरूक करते हैं.
देश को नशामुक्त बनाने के लिए 22 सालों से भारत भ्रमण कर रहा है 81 साल का युवा
Reviewed by Unknown
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23:16:00
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