पाक की इस बहादुर बेटी की कहानी पढ़कर रो पड़ेंगे आप...

 पाकिस्तान की एक बहादुर बेटी जिसने हिंदुस्तान के बेटे को इंसाफ़ दिलाने के लिए अपना सबकुछ झोंक दिया, लेकिन एकदिन उसे किडनैप कर लिया गया। आख़िर वो कौन लोग हैं जो नहीं चाहते कि पाकिस्तान की जेल में बंद भारत के हामिद अंसारी को इंसाफ़ मिले और वो जेल से न छूट सके। इसलिए उसकी मदद करने वाली पाकिस्तान की बेटी का ही अपहरण कर लिया गया। आज उसे ग़ायब हुए 8 महीने हो चुके हैं, लेकिन कोई नहीं जानता कि आख़िर कहां है पाकिस्तान की ज़ीनत शहज़ादी।
आज से ठीक 8 महीने पहले पाकिस्तान की ज़ीनत शहज़ादी किसी काम से अपने घर से निकली थी। रिक्शे से जाते हुए कुछ दूर ही पहुंची थी कि 2 गाड़ियों में आए लोगों ने उसे किडनैप कर लिया। 8 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक नहीं पता कि आख़िर पाकिस्तान की वो बहादुर बेटी है। ये कहानी है पाकिस्तान की खोजी पत्रकार ज़ीनत शहज़ादी की जो पिछले 2 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय हामिद अंसारी को जेल से छुड़वाने में उसकी मदद कर रही थी। अगले ही दिन ज़ीनत को हामिद के मामले में अगवा और गुमशुदा लोगों के लिए बने सरकारी आयोग में पेश होना था, लेकिन शायद कुछ लोग नहीं चाहते थे कि ज़ीनत किसी भी भारतीय की मदद करे और पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय हामिद जेल से छूटे।
असल ज़िंदगी में पाकिस्तान की ज़ीनत शहज़ादी वकील तो नहीं लेकिन एक इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट ज़रूर थी जो पाकिस्तान की जेल में बंद निर्दोष भारतीय हामिद अंसारी की मदद कर रही थीं। ज़ीनत शहज़ादी सिर्फ़ अपना फ़र्ज़ अदा कर रही थी, वो एक बेगुनाह की मदद कर रही थी। मुंबई में बैठे हामिद अंसारी के परिवार को कुछ नहीं पता था कि आख़िर उनका बेटा कहां है। ये ज़ीनत ही थी जिसने इस परिवार को फोन कर ख़ुद मदद की पेशकश की थी।

मुंबई का ये परिवार अपने बेटे को खोजकर थक चुका था। अपने बेटे से जुड़ी कोई भी ख़बर सुनने की उम्मीद भी ख़त्म हो चुकी थी। तब ज़ीनत ने ही इस परिवार को बताया कि उनका बेटा हामिद पाकिस्तान की जेल में है। ज़ीनत के भाई सद्दाम ने अपनी बहन के ग़ायब होने के ग़म में ख़ुदकुशी कर ली, लेकिन ज़ीनत की मां को अब भी अपनी बेटी के लौटने का इंतज़ार है। वो हर रोज़ ज़ीनत के कपड़े संभालकर उसकी अलमारी में रखती हैं। ज़ीनत की मां हर रोज़ अपने बेटे की कब्र पर फूल चढ़ाती हैं तो ज़ीनत की वापसी के लिए दुआएं करती हैं। ज़ीनत भी सच्चाई के लिए लड़ना जानती थी। मुंबई में हामिद की मां से बात करते हुए आख़िरी बार उसने पूरे भरोसे के साथ कहा था कि जल्द ही आपका बेटा छूट जाएगा।
ज़ीनत ने 27 मई 2013 को भारतीय हामिद की मदद का फैसला किया था और डेढ़ साल के अंदर ही उसने हामिद का पता लगा लिया। लेकिन शायद एक भारतीय की मदद करना ज़ीनत को भारी पड़ गया। किसी को नहीं पता कि पिछले 8 महीने से पाकिस्तान की ये बहादुर पत्रकार कहां है। पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय हामिद अंसारी का मामला भी अदालत में था और इस केस के बीच ही ज़ीनत शहज़ादी अचानक ग़ायब हो गईं। इस बीच पाकिस्तान में मानवाधिकार के लिए लड़ने वाली हिना जिलानी ने बताया कि एक बार पहले भी कुछ लोग ज़ीनत को उठा ले गए थे।

हिना ज़िलानी कहती हैं कि ये पाकिस्तानी की ही सुरक्षा एजेंसियों का काम है। ज़ीनत के ग़ायब होने से भारत में हामिद अंसारी की मां बेहद दुखी हैं। अब हामिद की मां ने सुषमा स्वराज के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी से अपील की है कि वो उनकी मदद करें। हामिद कब भारत आएगा ये किसी को नहीं पता लेकिन ज़ीनत की सच्चाई और उसकी हिम्मत को हर कोई सलाम कर रहा है। दोनों मुल्कों के बीच कड़वाहट को भुलाकर उसने इंसानियत को तरजीह दी, लेकिन बदले में उसे क्या मिला ये सबके सामने है। उम्मीद करते हैं ज़ीनत जल्द ही वापस अपने घर लौट आए।
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